अध्यक्ष शिशुपाल सिंह हिन्दू सनातन संगठन के लिए समर्पित एक महान समाजसेवी हैं, जिन्होंने समाज उत्थान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उनका जीवन हमेशा धर्म रक्षा, सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय मूल्यों की स्थापना के लिए समर्पित रहा है। शिशुपाल सिंह ने हिन्दू सनातन संगठन के अध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूत किया और युवाओं को धर्म व संस्कृति के प्रति जागरूक किया। उनके नेतृत्व में कई धार्मिक जागरूकता अभियान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और समाज सुधार योजनाएं शुरू हुईं। उन्होंने गरीबों की शिक्षा, स्वास्थ्य तथा आपदा राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई।
उनकी उपलब्धियों में धर्म-संस्कृति को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ युवाओं में नेतृत्व कौशल का विकास करना प्रमुख रहा है। वे सदैव अस्पृश्यता, जातिवाद और सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध खड़े रहे। समाज के कमजोर वर्गों को मदद पहुंचाने और उनकी आवाज़ बुलंद करने के लिए उन्होंने अनेक कार्य किए। अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने संगठन के विस्तार, युवाओं को जोड़ने, और समाज की दिशा बदलने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
शिशुपाल सिंह का जीवन लक्ष्य सनातन धर्म की रक्षा, समाज में एकता, भाईचारा और देश की सेवा है। वे मानते हैं कि शिक्षित, संगठित और संस्कारशील समाज ही देश को आगे बढ़ा सकता है। उनके प्रयासों से हिन्दू सनातन संगठन एक मजबूत और प्रेरणादायक संस्था बन चुकी है। समाज सेवा, धर्म रक्षा और युवा सशक्तिकरण में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा

संस्था के उद्देश्य: / Objectives of Society :
1. निर्धन, अनाथ, असहाय, लोगों एवं वृजनों के कल्याण हेतु आ निर्भर बनाने हेतु सरकार के वित्तीय सहयोग से चलाई जा रही विभि कल्याण कारी योजनाओं को चलाना व सुलभ ग्रामोद्योगी एवं निःशु तकनीकी शिण देकर / दिलाकर उन्हें स्वाभलम्बी एवं आनिर्भर बनाना तथा उनके आय ल की स्थापना करना एवं निरर लोगों को सार बनाने हेतु सारता कार्यम चलाना तया विशेष छावृत्ति की वस्था करना।
2. नागरिको के सर्वागीण विकास हेतु शहरी एवं ग्रा क्षे पिछडे एवं मलिन वस्तियो में ता, सारता परिवार नियोजन, मा शिशु पोषण, महिला एवं बाल विकास कार्यकम. बाल टीकाकरण, कार्यमों आदि को चलाना व शिक्षा केन्द्रों को चलाना व शिक्षा केन्द्रों की स्थापना करना हमा उनक कल्याण हेतु सरकार की योजनाओं की उन्हें जनकारी आयोजन देना व समय-समय पर जगकता शिविरो का आयोजन करना
३. नागरिको में सामाजिक सचेतना जागृत करना विज्ञापन, पोर, वेनर, आदि के माम से एड्स वे हेपेटाइटिस के वचने के उपाय सुझाना एवं एड्स से भावी अंकुश लगाने का भरकस यास करना
4. संगठन का उद्दे बच्चों को स्वाभलम्बी एवं आ निर्भर बनाने हेतु उन्हें निशु तकनीकी एवं वसायिक, चिकिकीय शिण क्षिण देकर उन्हें आ निर्भर एवं यो नागरिक बनाना एवं राष्ट्र विकास में सहयोग करता
5. कार्य क्षे में केन्द्रीय एवं रा सरकार समाज कल्पान विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही विभि योजनाओं को कार्यन्वित करना एवं सन्धित विभाग से सर्क स्थापित करना तथा सहायता दान कराना।
6. संगठन का उद्दे समय, समय पर सांस्कृतिक कार्यमों गोष्ठियों, यों स्वा, शिक्षा. शिविरो, राहत शिविरों, रों ने रक्षा शिविर, जनजागृति शिविरो, कला दर्शनी, का आयोजन कसा तया निःशु प्रौढ़ शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा कार्यम, बालम उन्मूलन कार्यम गरीबी उन्मूलन महा निवेश कार्यम चलाना
7. संगठन द्वारा देश देश की समान उद्देश्यो वाली संस्थाओं से सर्क स्थापित करना एवं उनका सहयोग करना एवं ऐसी संस्थाओं से सहयोग प्रा कर समान विकास ट्रेड विभि कल्याण कारी कार्य म चलाना एवं संस्थाओं में विकास हेतु प-पत्रिकाओं का काशन कर उन्हें विभि बंजर भूमि पर सरकार के माम से सघन वृक्षीकरण करना और वनीकरण को बढावा देना।
8. संगठन का उद्दे गरीबो के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करना एवं गरीब समाज में शिक्षा के पति जागकता उ करना शासन द्वारा गरीबो को दी जाने वाली सुविधाओं तथा कल्याणकारी योजओं से अवगत कराना
9. संगठन का उद्दे केन्द्रीय एवं राज्य सरकार निगम बोर्ड, सन्धित विभागों के वित्तीय सहयोग से युवक युवतियों के कल्याण हेतु व उन्हें आ निर्भर व स्वाभलम्बी बनाने हेतु सुलभ रोजगारपरक क्षिण जैसे खिलाई, कढ़ाई, बुनाई, कलाई हशिकला, – वास्तुकला. दकारी. दरी. कालीन ड्रॉ इंग पेन्टिंग कला शिण तथा रेकन आशुलिपि एवं कप्यूटर के वैज्ञानिक विषयों की शिक्षा व शिण की वस्था करना
10. संगठन का उद्दे शासन व शासन सहयोग लेना ।
11. संगठन का उद्दे गौ माता की सेवा करना व दर-दर भटक रही गौमाताओं को शासन व शास को अवगत करा कर उनकी सही स्थान पर वस्था कराना ।
12. संगठन का उद्दे बेटियों को आ निर्भर बनाना तथा उनकी सुरक्षा करना कल्याण कारी योजनाओं की जानकारी देना।
13. संगठन का उद्दे शिक्षा के उरोर विकास हेतु कार्यक्षे में प्राइमरी से लेकर जूनियर हाईस्कूल एवं रमीडिएट तथा आवकतानुसार महाविद्यालय तक के विद्यालयों,यों औद्योगिक क्षिण एन.टी. टी. आई. टी. आई. मेडिकल, कॉलेज, नर्लिग, कालेज. डेरल कॉलेज डी० कार्या. बी. फार्मा, एम. फार्मा आदि की स्थापना कर अ का ज्ञान उपल कराना कप्यूटर णाली की नवीनतम जानकारियाँ उपल करना प कराना नवयुवक, युवतियों को कप्यूटर के माम से कप्यूटर क्षिण देकर रो जगार की ओर असर करना
14. संगठन का उद्देश्य छात्र एवं छात्राओं को वर्तमान पति के अनुसार शिक्षा एवं मका लीन भोजन की वस्था करना
15. संगठन का उद्देश्य समाज की निर्धन कन्याओं का दहेज रहित सामूहिक विवाहों का आयोजन कराना एवं विधवा माताओं व बहनो को पुर्नविवाह हेतु प्रेरित करना।
16. संगठन के माध्यम से दिव्यांगजनों के उपचार हेतु सरकार सररा चलाई जाने वाली योजनाओं म सहायटो प्रदान करना एवं निशुल्क चिकित्सालय की व्यवस्था करना
17. संगठन का उद्देश्य पयावरण सन्तुलन बनाये रखने एवं प्रश्षण को कम करने कीउद्देश्य से वृक्षारोपण कराना एवं पौधशाला की स्थापना कराना तथा ऊसर खाली पड़ी बंजर
भूिमपर सरकार के माध्यम से सघन वृक्षीकरण करना एवं बनीकरण को बढावा देना ।
18. संगठन, शूरा 5 वष से 18 वष तक के बालक व बािलकाओं को सनातन धम के प्रित जागरुक करना तथा प्रिशक्षण देना
19. संगठन द्वारा छोटे व बडे किसानो को सहयोग करना एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाना।
20. संगठन का उद्देश्य विन भाई की बहनों के परवार मे कायक्रम होने पर भाई का फर्ज निभाना और वहन को भाई की कमी महसूस न होना
फोटो गैलरी
सदता की समाप्ति / Termination of Membership :
1. मृत्यु हो जाने पर ।
2. पागल या दिवालिया हो जाने पर ।
3. संस्था के विपरीत हानिकारक कार्य करने पर ।
4. अविश्वास स्ताव या त्याग प पारित करने पर ।
5. नियमित प से सदता शु न देने पर ।
6. लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित होने पर ।
7. नैतिक अपराधों में न्यायालय द्वारा दण्डित होने पर ।